विलक्षण सन्त विलक्षण वाणी (Extraordinary Saints’ Extraordinary Speeches)
https://drive.google.com/file/d/16tJy8FUT7uJc1VTZzM-3khpreggC9XHp/view?usp=drivesdk
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गीताजी के पाँच श्लोक (स्वामीजी श्रीरामसुखदासजी महाराज की वाणी में)
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पाँच श्लोक, गंगाजल व अंतसमय में भगवान याद आने की महिमा
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नित्यस्तुति व प्रार्थना (स्वामीजी श्रीरामसुखदासजी महाराज की वाणी में, प्रातः 5 बजे प्रतिदिन)
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नित्यस्तुति-प्रार्थना + गीतापाठ - अध्याय 01, श्लोक 01 से 07 + हरिशरणम् कीर्तन
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सत्संग - एकै साधे सब सधे (03/08/1991, प्रातः 5 बजे)
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नित्यस्तुति-प्रार्थना + गीतापाठ - अध्याय 01, श्लोक 08 से 17 + हरिशरणम् कीर्तन
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सत्संग - परमात्मप्राप्ति का सर्टिफिकेट (18/04/1991, प्रातः 5 बजे)
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नित्यस्तुति-प्रार्थना + गीतापाठ - अध्याय 01, श्लोक 18 से 27 + हरिशरणम् कीर्तन
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सत्संग - नाथ थारे शरणे आयो जी (05/06/1996, प्रातः 5 बजे)
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नित्यस्तुति-प्रार्थना + गीतापाठ - अध्याय 01, श्लोक 28 से 37 + हरिशरणम् कीर्तन
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सत्संग - पंचामृत, असली क़ीमती पूँजी समय (09/06/1992, प्रातः 5 बजे)
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नित्यस्तुति-प्रार्थना + गीतापाठ - अध्याय 01, श्लोक 38 से 47 + हरिशरणम् कीर्तन
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सत्संग - शरणागत के आश्रित (06/04/1997, प्रातः 5 बजे)
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नित्यस्तुति-प्रार्थना + गीतापाठ - अध्याय 02, श्लोक 01 से 10 + हरिशरणम् कीर्तन
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सत्संग - कच्चे से पक्के हो जाओ (06/01/1990, प्रातः 5 बजे)
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नित्यस्तुति-प्रार्थना + गीतापाठ - अध्याय 02, श्लोक 11 से 20 + हरिशरणम् कीर्तन
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सत्संग - अपने कर्मों द्वारा भगवान का पूजन (09/01/1998, प्रातः 5 बजे)
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नित्यस्तुति-प्रार्थना + गीतापाठ - अध्याय 02, श्लोक 21 से 30 + हरिशरणम् कीर्तन
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सत्संग - अनुभवी संतों के वचन हाथी दाँत (31/12/1992, प्रातः 5 बजे)
21

नित्यस्तुति-प्रार्थना + गीतापाठ - अध्याय 02, श्लोक 31 से 40 + हरिशरणम् कीर्तन
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सत्संग - उद्देश्य कल्याण की इच्छा (31/01/1993, प्रातः 5 बजे)
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नित्यस्तुति-प्रार्थना + गीतापाठ - अध्याय 02, श्लोक 41 से 50 + हरिशरणम् कीर्तन
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सत्संग - रात-दिन हे नाथ पुकारो, बेड़ापार (07/06/1993, प्रातः 5 बजे)
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नित्यस्तुति-प्रार्थना + गीतापाठ - अध्याय 02, श्लोक 51 से 61 + हरिशरणम् कीर्तन
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सत्संग - खीरचोर भगवान (17/06/1992, प्रातः 5 बजे)
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नित्यस्तुति-प्रार्थना + गीतापाठ - अध्याय 02, श्लोक 62 से 72 + हरिशरणम् कीर्तन
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सत्संग - अहंता परिवर्तन (21/08/1993, प्रातः 5 बजे)
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नित्यस्तुति-प्रार्थना + गीतापाठ - अध्याय 03, श्लोक 01 से 10 + हरिशरणम् कीर्तन
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सत्संग - चार प्रकार दीक्षा (23/06/1989, प्रातः 5 बजे)
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नित्यस्तुति-प्रार्थना + गीतापाठ - अध्याय 03, श्लोक 11 से 21 + हरिशरणम् कीर्तन
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सत्संग - असाधन का त्याग (23/04/1993, प्रातः 5 बजे)
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नित्यस्तुति-प्रार्थना + गीतापाठ - अध्याय 03, श्लोक 22 से 32 + हरिशरणम् कीर्तन
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सत्संग - सर्वभूतहितेरता: (28/04/1993, प्रातः 5 बजे)
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नित्यस्तुति-प्रार्थना + गीतापाठ - अध्याय 03, श्लोक 33 से 43 + हरिशरणम् कीर्तन
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सत्संग - देरी सुहानी नहीं चाहिये (21/03/1993, प्रातः 5 बजे)
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नित्यस्तुति-प्रार्थना + गीतापाठ - अध्याय 04, श्लोक 01 से 10 + हरिशरणम् कीर्तन
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सत्संग - निषेधात्मक साधन (22/09/1997, प्रातः 5 बजे)
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नित्यस्तुति-प्रार्थना + गीतापाठ - अध्याय 04, श्लोक 11 से 20 + हरिशरणम् कीर्तन
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सत्संग - सत्संग का महत्त्व (23/06/1993, प्रातः 5 बजे)
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नित्यस्तुति-प्रार्थना + गीतापाठ - अध्याय 04, श्लोक 21 से 31 + हरिशरणम् कीर्तन